गृहमंत्री राजनाथ सिंह बोले- सेना का गुणगान राष्ट्रीय गौरव

चुनाव में मोदी, अमित शाह के बाद किसी नेता की मांग है तो वे हैं राजनाथ सिंह। मध्यप्रदेश के चुनावी दौरे से लौटते हुए भास्कर के डिप्टी एडिटर संतोष कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत की...सवाल : मैनिफेस्टो में इस बार रोजगार का चैप्टर नहीं था। ऐसा क्यों?जवाब : मैंने रोजगार के बारे में खुलकर बताया। हम जितने काम कर रहे हैं, सबमें रोजगार सृजित हो रहे हैं।सवाल : सपा-बसपा गठबंधन को भाजपा हल्के में क्यों ले रही है?जवाब :गठबंधन विश्वसनीय नहीं हो पाया है। हम किसी को हल्के में नहीं लेते, लेकिन वे अब हल्के हो गए हैं।सवाल : ऐसा है तो भाजपा मजबूत सीटों पर रवि किशन, निरहुआ और प्रज्ञा ठाकुर जैसे आयातित उम्मीदवार क्यों उतार रही है?जवाब :जहां पार्टी को लगता है कि सही उम्मीदवार नहीं है, वहां इस तरह से उम्मीदवार उतारे जाते हैं।सवाल : प्रज्ञा मेडिकल आधार पर जमानत पर हैं, फिर भी टिकट दिया, ऐसी क्या मजबूरी थी?जवाब :उनको सजा नहीं हुई है। चुनाव तो लड़ ही सकती हैं।सवाल : मोदी ने कहा कि भगवा आतंक शब्द कांग्रेस ने गढ़ा, लेकिन गृह सचिव रहते हुए आरके सिंह ने इस शब्द को सरकारी दस्तावेज में उतारा। वे आपकी सरकार में ही मंत्री हैं।जवाब :उस समय वे सचिव थे और जो सरकार थी, उसके कहने पर सचिव काम करते हैं। भगवा आतंकवाद शब्द कांग्रेस ने ही गढ़ा है।सवाल : क्या पुलवामा हमला इंटेलीजेंस फेल्योर था?जवाब :कहीं कमी रही होगी। रिपोर्ट आने तक दोष देना ठीक नहीं। रिपोर्ट आ जाए तो कुछ कहा जा सकता है।सवाल : हर रैली में सेना, पाक, स्ट्राइक का जिक्र। क्या यही रणनीति है?जवाब :सेना की प्रशंसा अपराध नहीं, राष्ट्रीय गौरव का विषय है।सेना के नाम पर वोट नहीं मांग रहे, बल्कि प्रशंसा कर रहे हैं।सवाल : अलगावादियों पर पुलवामा से पहले कार्रवाई नहीं की, अब तेज कर दी। ऐसा क्यों?जवाब :पहले बातचीत की पूरी आजादी दी। उनकी ओर से पहल नहीं हुई। अब विकल्प नहीं था।सवाल : गृह मंत्रालय के आंकड़े हैं कि 5 साल में आतंकी वारदातें बढ़ी हैं..जवाब :(टोकते हुए) 5 साल में नहीं, पिछले कुछ महीने के हैं,लेकिन आतंकी मारे जाने की संख्या भी बढ़ी है।सवाल : पीएम मोदी के बाद उत्तराधिकारी कौन? आप, गडकरी या शाह?जवाब :नहीं..नहीं..कोई उत्तराधिकारी नहीं। हमारे पीएम मोदी जी बूढ़े कहां हुए हैं। वही प्रधानमंत्री रहेंगे।सवाल : बतौर अध्यक्ष अमित शाह का टर्म पूरा हो चुका है। आप फिर से अध्यक्ष बनने के इच्छुक हैं?जवाब :अगर होगा तो देखेंगे क्या करना है। पार्टी जो मिल-बैठकर तय करेगी, वहकरेंगे। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Bhaskar special interview, rajnath singh, lok sabha election 2019

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