रामलला के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- विवादित स्थल के स्तंभों पर देवी-देवताओं के चित्र मिले

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच में रोज सुनवाई चल रही है। शुक्रवार को पक्षकार रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि विवादित स्थल के स्तंभों पर हिंदू देवी-देवताओं के कई चित्र मिले। वैद्यनाथन ने कोर्ट को विवादित जगह की निगरानी के लिए नियुक्त किए गए कमिश्नर की रिपोर्ट भी पढ़कर सुनाई।वैद्यनाथन के मुताबिक- कमिश्नर ने विवादित जगह पर 16 अप्रैल 1950 को दौरा किया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में स्तंभों पर भगवान शंकर के चित्रों की बात कही थी। स्तंभों पर देवी-देवताओं के चित्र मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर में मिले थे।‘नक्शे में भी मूर्तियों का जिक्र’रामलला के वकील ने अयोध्या में मिला एक नक्शा भी कोर्ट में पेश किया, जिसमें स्तंभों के चित्रों का जिक्र था। साथ ही विवादित जगह के दौरे के बारे में भी जानकारी दी गई थी। कोर्ट में एक एलबम भी पेश किया गया, जिसमें देवी-देवताओं की तस्वीरें थीं। मस्जिद में इस तरह की तस्वीरें नहीं मिलीं। वैद्यनाथन के मुताबिक- स्थल का हिंदुओं के लिए धार्मिक रूप से महत्व था।अयोध्या मामले में अब तक क्या हुआ?सुप्रीम कोर्ट ने विवाद को बातचीत से सुलझाने के लिए मार्च में मध्यस्थता पैनल बनाया था। इससे हल नहीं निकलने पर कोर्ट 6 अगस्त से सुनवाई कर रहा है। यह नियमित सुनवाई तब तक चलेगी, जब तक कोई नतीजा नहीं निकल जाता।पहली सुनवाई: 6 अगस्त को सुनवाई के पहले दिन निर्मोही अखाड़ा ने पूरी 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर अपना दावा किया। कहा था कि पूरी विवादित भूमि पर 1934 से ही मुसलमानों को प्रवेश की मनाही है।दूसरी सुनवाई: 7 अगस्त को बेंच ने पक्षकार निर्मोही अखाड़े से संबंधित 2.77 एकड़ भूमि के दस्तावेज पेश करने को कहा था। इस पर अखाड़े ने कहा था कि 1982 में वहां डकैती हुई, जिसमें सभी दस्तावेज खो गए।तीसरी सुनवाई: 8 अगस्त को बेंच ने पूछा कि एक देवता के जन्मस्थल को न्याय पाने का इच्छुक कैसे माना जाए, जो इस केस में पक्षकार भी हो। इस पर वकील ने कहा कि हिंदू धर्म में किसी स्थान को पवित्र मानने और पूजा करने के लिए मूर्तियों की आवश्यकता नहीं है। नदियों और सूर्य की भी पूजा की जाती है और उनके उद्गम स्थलों को इसी तरह से देखा जाता है।चौथी सुनवाई: 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के वकील से पूछा था- क्या भगवान राम का कोई वंशज अयोध्या या दुनिया में है? इस पर वकील ने कहा था- हमें जानकारी नहीं है। बाद में जयपुर राजघराने की दीयाकुमारी ने खुद को श्री राम के बड़े बेटे कुश के वंशज होने का दावा किया था। मुस्लिम पक्ष ने हफ्ते में पांच दिन सुनवाई पर आपत्ति जताई थी।पांचवी सुनवाई: 13 अगस्त को हिंदू पक्ष के वकील सीएस वैद्यनाथन ने मंदिर के अस्तित्व को लेकर दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा- इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में विवादित जगह पर मंदिर होने का जिक्र है। हाईकोर्ट के जस्टिस एसयू खान ने कहा था कि यह मस्जिद मंदिर के टूटे-फूटे हिस्से पर बनाई गई है।छठी सुनवाई: 14 अगस्त को रामलला विराजमान के वकील ने कहा कि हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है और कोर्ट को इसके तर्कसंगत होने की जांच के लिए इससे आगे नहीं जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मुगल शासक अकबर और जहांगीर के काल में भारत आने वाले विदेशी यात्री विलियम फिंच और विलियम हॉकिन्स ने अपने यात्रा-वृतांत में राम जन्मभूमि और अयोध्या के बारे में लिखा है।हाईकोर्ट ने विवादित जमीन को 3 हिस्सों में बांटने के लिए कहा था2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या का 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन हिस्सों में समान बांट दिया जाए। पहला-सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा- निर्मोही अखाड़ा और तीसरा- रामलला विराजमान। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Ayodhya Ram Mandir; Ayodhya Supreme Court Hearing, Day 7th: Ram Janmabhoomi Babri Masjid Case News Updates

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