23 अपà¥à¤°à¥‡à¤² किताबों से पà¥à¤¯à¤¾à¤° करने वाले लोगों के लिठखास दिन होता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हर साल UNESCO इसी दिन World Book Day के तौर पर बनता है। विलियम शेकà¥à¤¸à¤ªà¥€à¤¯à¤°, मिगà¥à¤à¤² सरà¥à¤µà¥‡à¤Ÿà¥à¤¸, वà¥à¤²à¤¾à¤¦à¤¿à¤®à¥€à¤° नाबोकोव जैसे महान साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि देने के लिठUNESCO ने इस तारीख का चयन किया था। फà¥à¤°à¤¾à¤‚स की राजधानी पेरिस में वरà¥à¤· 1995 में आयोजित UNESCO सामानà¥à¤¯ कांफà¥à¤°à¥‡à¤‚स में 23 अपà¥à¤°à¥‡à¤² पर अंतिम मà¥à¤¹à¤° लगाई गई ताकि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° के लेखकों और किताबों को समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया जा सके। इस साल विशà¥à¤µ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• दिवस का 24वां संसà¥à¤•à¤°à¤£ मनाया जा रहा है और इसी साल सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं को बढ़ानें और संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ करने के महतà¥à¤µ पर विशेष रूप से धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ साहितà¥à¤¯ और पढऩे का जशà¥à¤¨ मनाया जाà¤à¤—ा।
World Book Day का इतिहास
1995 में UNESCO ने पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· 23 अपà¥à¤°à¥‡à¤² को World Book Day या World Book and Copyright Day मनाने का फैसला किया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि साहितà¥à¤¯ के इतिहास में इस तारीख का अहम सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। इस तारीख को विलियम शेकà¥à¤¸à¤ªà¥€à¤¯à¤° और इंका गारà¥à¤¸à¤¿à¤²à¤¸à¥‹ डे वेगा जैसे कई पà¥à¤°à¤®à¥à¤– साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ के रूप में मनाया जाता है, जबकि इसी दिन मौरिस डà¥à¤°à¥‚न, वà¥à¤²à¤¾à¤¦à¤¿à¤®à¤¿à¤° नाबोकोव, जोसेप पà¥à¤²à¤¾, हलà¥à¤¦à¥‹à¤° के लाज, मैनà¥à¤…ल, मेजियो वलà¥à¤²à¥‡à¤œà¥‹ जैसे साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की जयंति à¤à¥€ होती है, इसलिठविशà¥à¤µ बà¥à¤• दिवस को मनाने के लिठयूनेसà¥à¤•à¥‹ ने 23 अपà¥à¤°à¥‡à¤² की तारीख को चà¥à¤¨à¤¾à¥¤
à¤à¤¸à¥‡ मना सकते हैं विशà¥à¤µ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• दिवस (World Book Day)
-23 अपà¥à¤°à¥‡à¤² को ङà¥à¤–शहà¥à¤®à¥à¤¦à¥à¤¯à¤¸à¥à¤° कà¥à¤šà¤¶à¤¶à¤¦à¥à¤® षà¥à¤ डà¥à¤¡4 के रूप में मनाया जाता है, तो इस दिन आप अपने मनपंसद बà¥à¤• सà¥à¤Ÿà¥‹à¤° जा सकते हैं और जान सकते हैं कि कोई नई किताब आई है या नहीं।
अगर कोई नई किताब आई है तो आप उसे खरीद सकते हैं।
-आप पढऩे के लिठलिसà¥à¤Ÿ बना सकते हैं, लेकिन इसका आपको गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से पालन करना होगा। आप à¤à¤¸à¥€ लिसà¥à¤Ÿ पूरे साल के लिठà¤à¥€ बना सकते हैं। अगर आप गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से इसका पालन करेंगे तो खà¥à¤¦ अपने अंदर बदलाव महसूस करेंगे। आप अपने पसंद के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° लिसà¥à¤Ÿ बना सकते हैं और जरूरी नहीं है कि यह बहà¥à¤¤ बड़ी लिसà¥à¤Ÿ हो।
-पढ़ें और दूसरों को à¤à¥€ पढऩे के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करें। इस साल अपने परिवार के लोगों और दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को अपनी कम से कम à¤à¤• मनपसंद किताब पढऩे के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करें। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤› दिन फोन को दूर रखके किताब पढऩे के लिठमनाà¤à¥¤ सच मानिà¤, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ लगेगा à¤à¤¸à¤¾ करके।
-जितना हो सके, आप अपनी मनपसंद किताब को बार बार पढ़ें। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ना à¤à¤¸à¥€ किताब à¤à¥€ पढ़ें जिसने आपको सबसे पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया हो, जिससे आपकी जिंदगी में à¤à¥€ बदलाव आया हो। World Book Day को मनाने का यह सबसे अचà¥à¤›à¤¾ तरीका होगा।
-बड़े बड़े लेखकों-साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने à¤à¥€ कहा है कि किताबें हमारी सबसे अचà¥à¤›à¥€ दोसà¥à¤¤ होती हैं।
-महान दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• और राजनेता मारà¥à¤•à¤¸ टà¥à¤¯à¥‚लियस सिसेरा ने कहा है कि बिना किताबों के à¤à¤• कमरा आतà¥à¤®à¤¾ के बिना शरीर की तरह है।